भारत में आधार कार्ड की उपयोगिता जितनी बढ़ी है, उतनी ही अधिक जटिलताएं भी समय-समय पर सामने आती रही हैं – खासतौर पर जब बात हो हर जगह उसकी फोटोकॉपी देने की। लेकिन अब यह प्रक्रिया और अधिक सरल और सुरक्षित होने जा रही है। UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) ने डिजिटल पहचान के क्षेत्र में एक बड़ी पहल की है, जिससे आम नागरिकों को न केवल सहूलियत मिलेगी बल्कि उनकी जानकारी पर नियंत्रण भी बना रहेगा।
डिजिटल युग की ओर एक और कदम
UIDAI जल्द ही एक नया मोबाइल एप लॉन्च करने जा रहा है जो इलेक्ट्रॉनिक आधार (e-Aadhaar) को सुरक्षित तरीके से साझा करने की सुविधा देगा। अब उपयोगकर्ता केवल QR कोड स्कैन करके अपना आधार विवरण साझा कर सकेंगे। यह प्रक्रिया न सिर्फ समय बचाएगी, बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी कहीं अधिक प्रभावशाली होगी। हर बार आधार की फोटोकॉपी देने की जरूरत नहीं होगी। इसकी जगह अब डिजिटल माध्यम से पहचान साझा की जा सकेगी।
नया एप और QR कोड: पहचान प्रक्रिया में क्रांति
UIDAI के नए मोबाइल एप के माध्यम से उपयोगकर्ता अपने आधार को QR कोड स्कैन करके साझा कर सकेंगे, वो भी पूरी तरह से उनकी सहमति (Consent) के बाद। यह QR कोड मोबाइल-से-मोबाइल या एप-से-एप के माध्यम से स्कैन किया जा सकेगा और यही आधार की पूरी जानकारी को वैरिफाई करेगा।
यह बदलाव विशेष रूप से उन परिस्थितियों में उपयोगी होगा जहां त्वरित और प्रमाणिक पहचान की आवश्यकता होती है, जैसे:
होटल में चेक-इन के समय
रेलवे यात्रा के दौरान पहचान सत्यापन में
संपत्ति रजिस्ट्रेशन या सरकारी योजनाओं में
बायोमेट्रिक को छोड़कर सब होगा घर बैठे अपडेट
UIDAI के सीईओ भुवनेश कुमार के अनुसार, एक लाख में से दो हजार मशीनों को इस नई तकनीक से जोड़ दिया गया है और शेष में भी तेजी से काम हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि नवंबर तक एक नई प्रक्रिया शुरू होगी जिसमें नागरिकों की पहचान और जानकारी स्वतः अपडेट हो सकेगी।
इस प्रक्रिया में जो दस्तावेज शामिल होंगे:
जन्म प्रमाणपत्र
मैट्रिक प्रमाणपत्र
ड्राइविंग लाइसेंस
पासपोर्ट
PAN कार्ड
PDS डेटा
MNREGA रिकॉर्ड
इन दस्तावेजों के माध्यम से पता, नाम, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर जैसी जानकारी स्वतः अपडेट हो जाएगी। केवल बायोमेट्रिक विवरण (फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन) को छोड़कर बाकी सभी अपडेट घर बैठे ही हो सकेंगे।
डेटा सुरक्षा और फर्जीवाड़े पर नियंत्रण
इस नई प्रणाली का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य फर्जी दस्तावेजों और पहचान से आधार बनवाने के मामलों को रोकना है। जब जानकारी अधिकृत स्रोतों से सीधे जुड़कर स्वतः अपडेट होगी, तो नकली दस्तावेजों के जरिए आधार कार्ड बनवाना लगभग असंभव हो जाएगा। साथ ही, UIDAI अब बिजली बिल डाटाबेस से भी जुड़ने की योजना बना रहा है जिससे नागरिकों की पहचान सत्यापन और भी आसान और विश्वसनीय होगी।
पहचान पर रहेगा आपका नियंत्रण
नई प्रणाली में यूजर की सहमति सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। जब भी कोई QR कोड स्कैन करेगा, तो जानकारी केवल तभी साझा होगी जब उपयोगकर्ता अनुमति देगा। इससे उपयोगकर्ता को अपनी जानकारी पर पूर्ण नियंत्रण मिलेगा। यह एक मजबूत डेटा प्रोटेक्शन मॉडल को दर्शाता है, जो भविष्य में डिजिटल पहचान की दिशा में एक बड़ा कदम है।
निष्कर्ष: एक भरोसेमंद और सरल पहचान प्रणाली की ओर
UIDAI का यह कदम न केवल तकनीकी रूप से उन्नत है, बल्कि आम नागरिकों के लिए उपयोग में बेहद सरल और सुरक्षित भी है। QR कोड आधारित Aadhaar शेयरिंग, स्वचालित जानकारी अपडेट और एप-आधारित प्रक्रिया से यह तय हो जाएगा कि अब हर बार फोटोकॉपी देने की जरूरत न पड़े और आधार से जुड़े हर अपडेट में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनी रहे।
सरकारी सेवाओं की पहुंच अब और अधिक सहज और तेज होगी। ऐसे में नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट https://uidai.gov.in पर जाकर नई सुविधाओं की जानकारी लेते रहें और जब नया एप लॉन्च हो, तो उसे अपने मोबाइल में इंस्टॉल करें और डिजिटल आधार की इस नई यात्रा का हिस्सा बनें।
आधार, अब पहले से अधिक सुरक्षित, स्मार्ट और सुविधा संपन्न।