मिर्जापुर — पेंशनधारकों और पारिवारिक पेंशन पाने वालों के लिए सरकार ने एक नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है, जिससे पेंशन प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाई जा सके और किसी भी तरह की गड़बड़ी पर रोक लगाई जा सके। इस नए नियम के तहत अगर किसी पेंशन खाते से लगातार तीन महीने तक कोई लेन-देन नहीं होता, तो संबंधित बैंक को इसकी सूचना सरकार को देनी होगी। इसके बाद पेंशन को अस्थायी रूप से रोका जा सकता है।
क्यों जरूरी है यह नई व्यवस्था?
अक्सर देखने में आता है कि किसी पेंशनधारक के निधन के बाद भी उनके खाते में पेंशन आती रहती है और उसका गलत इस्तेमाल होता है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार ने यह सख्त कदम उठाया है। नई व्यवस्था का उद्देश्य है कि जो पेंशनधारक जीवित हैं, उनकी पेंशन सुचारू रूप से जारी रहे, जबकि जिनके निधन की जानकारी नहीं मिल पाती, उनके खातों की निगरानी हो सके।

सरकार ने क्या दिशा-निर्देश जारी किए हैं?
राज्य सरकार ने सभी बैंकों और जिला कोषागार अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि तीन महीने तक किसी पेंशन खाते में लेन-देन न होने की स्थिति में उसकी सूचना तुरंत विभाग को भेजें। इसके साथ ही पेंशनधारकों के जीवन प्रमाण पत्र और मृत्यु प्रमाण पत्र की जांच भी सख्ती से की जाएगी।
बैंकों को यह भी कहा गया है कि पेंशन खाते केवल पति-पत्नी के नाम पर ही संयुक्त रूप से खोले जा सकते हैं। किसी अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर संयुक्त पेंशन खाता खोलने की अनुमति नहीं होगी। यदि कोई खाता पहले से अन्य व्यक्ति के साथ संयुक्त है, तो उसे समाप्त कर नए नियमों के तहत खाता बनाना होगा।
जीवन प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य
हर साल नवंबर महीने में पेंशनधारकों को अपना जीवन प्रमाण पत्र बैंक में जमा करना अनिवार्य रहेगा। यदि कोई व्यक्ति यह प्रमाण पत्र जमा नहीं करता, तो उसकी पेंशन अस्थायी रूप से बंद की जा सकती है। हालांकि, प्रमाण पत्र जमा करने के बाद पेंशन पुनः शुरू की जा सकेगी।
मृत्यु की स्थिति में तुरंत दें सूचना
यदि किसी पेंशनधारक या पारिवारिक पेंशन प्राप्तकर्ता की मृत्यु हो जाती है, तो परिजनों को संबंधित बैंक में मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ इसकी सूचना देना अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
कब से लागू होगी नई व्यवस्था?
राज्य सरकार की तरफ से यह नई व्यवस्था जून 2025 से पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी। इसके लिए सभी जिलों को सूचीबद्ध किया जा चुका है और बैंकों को आवश्यक दिशा-निर्देश भेजे जा चुके हैं।
निष्कर्ष
पेंशन व्यवस्था में पारदर्शिता और सुरक्षा बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। इससे न केवल पेंशनधारकों को समय पर पेंशन मिलती रहेगी, बल्कि किसी भी तरह की धोखाधड़ी पर भी प्रभावी रोक लग सकेगी। सभी पेंशनधारकों और उनके परिजनों को सलाह दी जाती है कि वे समय-समय पर आवश्यक दस्तावेज जमा करें और किसी भी संशय की स्थिति में अपने बैंक या कोषागार अधिकारी से संपर्क करें।
अधिक जानकारी के लिए आप संबंधित बैंक शाखा या राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।