देशभर के लाखों छात्रों के लिए सीबीएसई ने एक बड़ा ऐलान किया है, जो उनकी पढ़ाई और परीक्षा के तरीके में अहम बदलाव लाएगा। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की नई व्यवस्था लागू करने का फैसला लिया है। यह नई प्रणाली इसी शैक्षणिक सत्र से प्रभाव में आ जाएगी, जिससे छात्रों को साल में दो बार बोर्ड परीक्षा देने का अवसर मिलेगा।
पहली परीक्षा मुख्य होगी जबकि दूसरी परीक्षा उन छात्रों के लिए होगी जो अपने प्रदर्शन में सुधार करना चाहते हैं। इसका मकसद छात्रों पर परीक्षा का मानसिक दबाव कम करना और उन्हें बेहतर तैयारी का अवसर देना है। 12वीं कक्षा की परीक्षा में पुरानी प्रणाली ही जारी रहेगी।
दो बार बोर्ड परीक्षा का उद्देश्य
CBSE के अध्यक्ष राहुल सिंह ने साफ किया कि इस निर्णय का उद्देश्य बोर्ड परीक्षा का दबाव कम करना और छात्रों की मानसिक स्थिति को संतुलित बनाना है। उन्होंने बताया कि मुख्य परीक्षा सभी छात्रों के लिए अनिवार्य होगी जबकि दूसरी परीक्षा पूरी तरह वैकल्पिक होगी, जिसका फायदा उन छात्रों को मिलेगा जो पहले प्रयास में अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं हैं।
परीक्षा नियंत्रक डॉ. संयम भारद्वाज ने भी यही बात दोहराई कि छात्रों पर अनावश्यक तनाव कम करने के लिए लचीली परीक्षा प्रणाली को अपनाया गया है। इससे छात्रों को ज्यादा आत्मविश्वास के साथ परीक्षा देने का मौका मिलेगा।

दो बार बोर्ड परीक्षा से जुड़े अहम बिंदु
इस नई प्रणाली के तहत पहली मुख्य परीक्षा फरवरी 2026 में आयोजित की जाएगी, जिसके परिणाम अप्रैल में घोषित किए जाएंगे। दूसरी परीक्षा में केवल उन्हीं विषयों में सुधार का मौका मिलेगा, जिनमें छात्र पहले प्रयास में पास हो चुके हैं।
यदि कोई छात्र तीन या उससे अधिक विषयों में अनुत्तीर्ण रहता है, तो उसे दूसरी परीक्षा देने की अनुमति नहीं मिलेगी। ऐसे छात्रों को फिर से पूरी कक्षा दोहरानी होगी, जिसे ‘एसेंशियल रिपीट’ श्रेणी कहा जाता है।
जो छात्र पहली परीक्षा में ‘कंपार्टमेंट’ में आते हैं, उन्हें भी दूसरी परीक्षा में शामिल होने का अवसर मिलेगा।
छात्रों को क्या फायदा होगा
यह नई प्रणाली छात्रों के लिए कई मायनों में फायदेमंद साबित होगी:
छात्रों पर परीक्षा का तनाव कम होगा।
कमजोर प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सुधार का अवसर मिलेगा।
तैयारी में किसी कारण से पिछड़ने वाले छात्रों के पास दूसरा मौका रहेगा।
पूरे साल बेहतर योजना बनाकर पढ़ाई की जा सकेगी।
अनावश्यक दबाव के कारण आत्मविश्वास में कमी नहीं आएगी।
कब और कैसे होंगी परीक्षाएं
नई व्यवस्था के अनुसार, पहली बोर्ड परीक्षा फरवरी 2026 में होगी, जिसका परिणाम अप्रैल में आएगा। दूसरी परीक्षा की तारीख बोर्ड जल्द घोषित करेगा। छात्रों को यह सलाह दी जाती है कि वे आधिकारिक वेबसाइट https://www.cbse.gov.in पर नियमित रूप से अपडेट चेक करते रहें ताकि किसी भी जरूरी जानकारी से वंचित न रहें।
निष्कर्ष
CBSE का यह फैसला निश्चित रूप से छात्रों के हित में है। इससे ना केवल परीक्षा का दबाव कम होगा, बल्कि छात्रों को अपनी क्षमताओं के अनुरूप प्रदर्शन सुधारने का अवसर मिलेगा। अभिभावकों और छात्रों को चाहिए कि वे इस नई प्रणाली को समझें और उसी अनुसार अपनी पढ़ाई की योजना बनाएं। समय रहते तैयारी शुरू करने से दोनों परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन किया जा सकता है।