उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) द्वारा हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2024 की उत्तर पुस्तिकाओं की स्क्रूटनी के दौरान कई गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय में हुई स्क्रूटनी के दौरान सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि एक ही अनुक्रमांक से दो अलग-अलग उत्तर पुस्तिकाएं पाई गईं। इस प्रकार के कुल 17 मामले दर्ज किए गए हैं, जिसने बोर्ड की पारदर्शिता और परीक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या है मामला?
स्क्रूटनी के दौरान बोर्ड अधिकारियों को यह ज्ञात हुआ कि कुछ परीक्षार्थियों के एक ही रोल नंबर (अनुक्रमांक) पर दो उत्तरपुस्तिकाएं जांच के लिए पहुंची हैं। यह एक गंभीर विसंगति है, जिससे नकल, फर्जीवाड़ा या परीक्षा में किसी और के बैठने की आशंका को बल मिलता है। इन मामलों की पुष्टि प्रयागराज स्थित क्षेत्रीय कार्यालय ने की है।

कितने मामलों का हुआ खुलासा?
बोर्ड को प्रयागराज क्षेत्र में स्क्रूटनी के दौरान कुल 58 विसंगतियों की शिकायतें मिली थीं। इनमें से 17 मामले एक ही अनुक्रमांक पर दो उत्तरपुस्तिकाओं से जुड़े थे। इसके अलावा, 15 ऐसे मामले सामने आए जिनमें फर्जी परीक्षार्थियों ने असली उम्मीदवारों की जगह परीक्षा दी थी। यानि, किसी और ने परीक्षा में बैठकर पेपर हल किया। इसके अतिरिक्त, 13 अन्य तरह की अनियमितताओं की शिकायतें भी बोर्ड को प्राप्त हुईं।
क्या है कार्रवाई की प्रक्रिया?
बोर्ड के अनुसार, जिन परीक्षार्थियों के अनुक्रमांक पर दो उत्तरपुस्तिकाएं पाई गईं हैं, उनकी जांच परीक्षा समिति द्वारा की जाएगी। यदि किसी भी परीक्षार्थी पर अनियमितता का दोष सिद्ध होता है, तो उस छात्र को एक वर्ष के लिए बोर्ड परीक्षा से प्रतिबंधित किया जा सकता है।
वहीं, जिन मामलों में फर्जी परीक्षार्थियों की पहचान होती है, उन्हें कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ता है। ऐसे आरोपियों को जेल तक जाना पड़ सकता है और हाईकोर्ट से ज़मानत लेनी पड़ती है। इससे स्पष्ट है कि यूपी बोर्ड इस बार परीक्षा की निष्पक्षता को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है।
छात्रों और अभिभावकों के लिए क्या है जरूरी?
इस तरह की घटनाएं न केवल बोर्ड की साख को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि ईमानदारी से पढ़ाई कर रहे लाखों छात्रों के भविष्य पर भी असर डालती हैं। छात्रों को चाहिए कि वे अपनी परीक्षा संबंधित सभी दस्तावेजों को समय पर चेक करें और स्क्रूटनी की प्रक्रिया के दौरान यदि कोई गड़बड़ी लगती है, तो तुरंत बोर्ड से संपर्क करें।
निष्कर्ष
यूपी बोर्ड की स्क्रूटनी प्रक्रिया ने इस बार कुछ गहरे छिपे भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े की परतें खोली हैं। यह सभी छात्रों और अभिभावकों के लिए एक चेतावनी है कि परीक्षा के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही या अनुचित साधनों का प्रयोग न करें। साथ ही, बोर्ड से अपेक्षा की जाती है कि वह पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ जांच को अंजाम दे और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करे।
अधिक जानकारी या स्क्रूटनी संबंधित अपडेट के लिए आधिकारिक वेबसाइट upmsp.edu.in पर विजिट करें।