UPTET (उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा) की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए हिन्दी भाषा का खंड हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह भाग न केवल भाषा ज्ञान की परीक्षा लेता है बल्कि उम्मीदवार की शिक्षण योग्यता और भाषा की समझ को भी परखता है। इस लेख में प्रस्तुत UPTET अक्टूबर 2017 हिन्दी प्रश्न बैंक भाग 2 में ऐसे प्रश्न शामिल किए गए हैं जो परीक्षा में बार-बार पूछे जाते हैं और भविष्य के प्रश्नपत्रों के लिए भी उपयोगी हैं।
हिन्दी भाषा में पारंगत होना न केवल शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में बल्कि दैनिक जीवन के संप्रेषण और शिक्षण क्षेत्र में भी आवश्यक है। यहाँ दिए गए प्रश्न व्याकरण, शब्दार्थ, वाक्य-विन्यास, संधि-विच्छेद, तत्सम-तद्भव शब्द, वाच्य और समास जैसे मुख्य विषयों पर आधारित हैं।

परीक्षा की दृष्टि से उपयोगी हिन्दी प्रश्न
UPTET 2017 के प्रश्नपत्र में कई ऐसे प्रश्न पूछे गए थे जिनका संबंध हिन्दी भाषा की सूक्ष्मताओं से था। जैसे कि ‘निमिष’ का अर्थ, ‘निष्कपट’ का सन्धि-विच्छेद, ‘अत्यन्त’ में प्रयुक्त उपसर्ग, तथा ‘मुझसे उठा नहीं गया’ वाक्य में प्रयुक्त वाच्य। ऐसे प्रश्न यह दर्शाते हैं कि परीक्षार्थियों को केवल रटने की नहीं बल्कि भाषा की गहराई समझने की आवश्यकता है।
हिन्दी शब्दों की शुद्ध वर्तनी और उनके तद्भव-तत्सम रूपों का ज्ञान भी परीक्षार्थियों के लिए अनिवार्य है। उदाहरण के लिए, ‘गोधूम’ का तद्भव ‘गेहूँ’ है, जबकि ‘सीस’ का तत्सम रूप ‘शीर्ष’ होता है। इस प्रकार के प्रश्न छात्रों को भाषा की मूल संरचना समझने में सहायता करते हैं।
साहित्यिक और भाषाई ज्ञान
UPTET परीक्षा केवल व्याकरणिक ज्ञान तक सीमित नहीं होती। इसमें हिन्दी साहित्य की प्रमुख कृतियों और कवियों से जुड़े प्रश्न भी पूछे जाते हैं। जैसे कि ‘वीरों का कैसा हो वसन्त’ कविता की रचना सुभद्रा कुमारी चौहान ने की है। इसी तरह, ‘सूरसागर’ जैसे ग्रंथ ब्रज भाषा की श्रेष्ठ रचनाओं में गिने जाते हैं। इस प्रकार के प्रश्नों के माध्यम से छात्रों का साहित्यिक ज्ञान भी मापा जाता है।
भारतेन्दु युग की प्रमुख पत्रिकाएँ जैसे ‘कविवचन सुधा’ और ‘हिन्दी प्रदीप’ हिन्दी साहित्य के पुनर्जागरण काल की नींव रखती हैं। परीक्षाओं में इनसे जुड़े प्रश्न छात्रों के ऐतिहासिक ज्ञान और भाषा के विकास की समझ को परखते हैं।
व्याकरणिक संरचना और ध्वनि ज्ञान
ध्वनि विज्ञान हिन्दी भाषा की नींव है। प्रश्न जैसे कि ‘ङ’ का उच्चारण स्थान ‘नासिक्य’ होता है या ‘श’ का उच्चारण स्थान ‘तालु’ है, ध्वन्यात्मक ज्ञान की परीक्षा लेते हैं। ये प्रश्न उम्मीदवारों से भाषा की तकनीकी समझ की अपेक्षा रखते हैं। इसके अलावा ‘चौराहा’ जैसे शब्दों के समास प्रकार — यहाँ ‘द्विगु समास’ — को पहचानना भी व्याकरण के अनुप्रयोग को समझने का एक हिस्सा है।
शिक्षण और व्यवहारिक दृष्टिकोण
UPTET परीक्षा में केवल सैद्धांतिक नहीं, बल्कि व्यवहारिक ज्ञान को भी परखा जाता है। जैसे ‘आँख की किरकिरी होना’ जैसे मुहावरों के अर्थ समझना, या मौखिक अभिव्यक्ति के रूपों जैसे ‘आशु भाषण’ की पहचान करना शिक्षक की भाषिक दक्षता को दर्शाता है। भाषा की इस प्रकार की प्रयोगिक समझ अध्यापन के वास्तविक जीवन में भी सहायक होती है।
परीक्षा की तैयारी के लिए सुझाव
UPTET हिन्दी खंड की तैयारी करते समय केवल प्रश्न याद करने के बजाय उनके पीछे की अवधारणा को समझें। प्रत्येक विषय जैसे संधि, समास, वाच्य, तत्सम-तद्भव, और अलंकार का अभ्यास करें। पुराने प्रश्नपत्रों का विश्लेषण करें ताकि आप यह जान सकें कि किन विषयों से प्रश्न अधिक पूछे जाते हैं। इसके साथ-साथ समय प्रबंधन का अभ्यास करें ताकि परीक्षा के दौरान किसी प्रश्न पर अधिक समय न लगे।
निष्कर्ष
यह UPTET अक्टूबर 2017 हिन्दी प्रश्न बैंक भाग 2 आपके लिए एक उत्कृष्ट अध्ययन सामग्री है जो परीक्षा की तैयारी को गति देगा। इसमें शामिल प्रश्नों के माध्यम से आप न केवल हिन्दी भाषा की संरचना को समझ पाएंगे, बल्कि साहित्यिक और व्याकरणिक ज्ञान को भी मजबूत कर सकेंगे। अधिक अभ्यास करने से भाषा की पकड़ बेहतर होती है, जो न केवल परीक्षा बल्कि शिक्षक बनने की दिशा में एक मजबूत आधार प्रदान करता है।