UPTET 02 फरवरी 2015 Previous Year Quiz – बाल विकास व अभिज्ञान क्विज भाग 1

बाल विकास और अभिज्ञान का अध्ययन शिक्षक और अभ्यर्थियों दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। बच्चों की मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक क्षमताओं को समझना शिक्षण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाता है। इस क्विज का उद्देश्य अभ्यर्थियों को बाल विकास के सिद्धांत, अधिगम की प्रक्रिया और व्यवहारिक मनोविज्ञान की समझ विकसित करने में मदद करना है।

UPTET 02 फरवरी 2015 Previous Year Quiz – बाल विकास व अभिज्ञान क्विज भाग 1

बाल विकास की अवधारणा

बाल विकास केवल शारीरिक वृद्धि तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें मानसिक और सामाजिक कौशल का विकास भी शामिल होता है। यह समझना आवश्यक है कि हर बच्चे का सीखने और समझने का तरीका अलग होता है। सीखना केवल जानकारी ग्रहण करना नहीं, बल्कि अनुभव और पर्यावरण के प्रभाव से व्यवहार में परिवर्तन लाना भी होता है। इस प्रक्रिया में सीखने में स्थानान्तरण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि इससे बच्चे पहले सीखी हुई जानकारी को नई परिस्थितियों में लागू कर सकते हैं।

UPTET 02 फरवरी 2015 Previous Year Quiz – बाल विकास व अभिज्ञान के प्रमुख प्रश्न

ये सभी प्रश्न पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों से लिए गए हैं।

Question 1: एक परिस्थिति में अर्जित ज्ञान का दूसरी परिस्थिति में उपयोग कहलाता है — UPTET 2015 (02 Feb)
A) सीखने की विधियाँ
B) सीखने में स्थानान्तरण
C) सीखने में पठार
D) सीखने में रुचि
Question 2: अनुभव द्वारा व्यवहार में परिवर्तन कहलाता है — UPTET 2015 (02 Feb)
A) स्मृति
B) सीखना
C) प्रेरणा
D) चिन्तन
Question 3: सांख्यिकी में वह रेखाचित्र, जिसमें आवृत्तियों को स्तम्भों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है, कहलाता है — UPTET 2015 (02 Feb)
A) स्तम्भाकृति
B) आवृत्ति बहुभुज
C) संचयी आवृत्ति
D) रेखाचित्र
Question 4: विकास की किस अवस्था में बुद्धि का अधिकतम विकास होता है? — UPTET 2015 (02 Feb)
A) बाल्यावस्था
B) शैशवावस्था
C) किशोरावस्था
D) प्रौढ़ावस्था
Question 5: शिशु का अधिकांश व्यवहार आधारित होता है — UPTET 2015 (02 Feb)
A) मूल प्रवृत्ति पर
B) नैतिकता पर
C) वास्तविकता पर
D) ध्यान पर
Question 6: अन्तर्दृष्टि (सूझ) द्वारा सीखने के सिद्धान्त में कोहलर ने प्रयोग किया था — UPTET 2015 (02 Feb)
A) कुत्ते पर
B) वनमानुषों पर
C) बिल्ली पर
D) चूहों पर
Question 7: यह आवश्यक नहीं है कि उच्च बुद्धि-लब्धि वाले बच्चे ........ में भी उच्च होंगे — UPTET 2015 (02 Feb)
A) सृजनशीलता
B) अध्ययन
C) विश्लेषण करने
D) अच्छे अंक प्राप्त करने
Question 8: ध्यान को केन्द्रित करने की आन्तरिक दशा है — UPTET 2015 (02 Feb)
A) अवधि
B) नवीनता
C) रुचि
D) आकार
Question 9: निम्न में से किस विधि का उपयोग स्मृति के मापन के लिए नहीं किया जाता ? — UPTET 2015 (02 Feb)
A) प्रत्याह्वान विधि
B) तार्किक विधि
C) पहचान विधि
D) पुनः सीखना विधि
Question 10: प्रासंगिक अन्तर्बोध परीक्षण (TAT) का विकास — UPTET 2015 (02 Feb)
A) सायमण्ड
B) होल्ट्जमैन
C) मरे
D) बैलक
Question 11: मनोविज्ञान का शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बड़ा योगदान है — UPTET 2015 (02 Feb)
A) विषय-केन्द्रित शिक्षा
B) शिक्षक-केन्द्रित शिक्षा
C) क्रिया-केन्द्रित शिक्षा
D) बाल-केन्द्रित शिक्षा
Question 12: निम्नलिखित में से कौन-सा वृद्धि और विकास के सिद्धान्तों से सम्बन्धित नहीं है? — UPTET 2015 (02 Feb)
A) निरन्तरता का सिद्धान्त
B) वर्गीकरण का सिद्धान्त
C) समन्वय का सिद्धान्त
D) वैयक्तिकता का सिद्धान्त
Question 13: कक्षा शिक्षण में पाठ प्रस्तावना सोपान सीखने के किस नियम पर आधारित है? — UPTET 2015 (02 Feb)
A) प्रभाव का नियम
B) सादृश्यता का नियम
C) प्रत्यक्षीकरण
D) साहचर्य का नियम
Question 14: सम्प्रत्यय निर्माण का प्रथम सोपान है — UPTET 2015 (02 Feb)
A) सामान्यीकरण
B) विभेदीकरण
C) तत्परता का नियम
D) पृथक्करण
Question 15: प्रेक्षणात्मक अधिगम सम्प्रत्यय …….. द्वारा दिया गया था — UPTET 2015 (02 Feb)
A) टोलमैन
B) बैण्डूरा
C) थॉर्नडाइक
D) कोहलर
Question 16: अधिगम में, ……….. ने प्रभाव का नियम दिया था — UPTET 2015 (02 Feb)
A) पॉवलॉव
B) स्किनर
C) वाट्सन
D) थॉर्नडाइक
Question 17: अवधान के आन्तरिक अथवा व्यक्तिनिष्ठ निर्धारक हैं — UPTET 2015 (02 Feb)
A) रुचि, लक्ष्य, अभिवृत्ति
B) उद्दीपक, वस्तु, प्रविधि
C) प्रकाश, ध्वनि, गन्ध
D) पुरस्कार, दण्ड, प्रोत्साहन
Question 18: बाल मनोविज्ञान का क्षेत्र है — UPTET 2015 (02 Feb)
A) केवल शैशवावस्था की विशेषताओं का अध्ययन
B) केवल गर्भावस्था की विशेषताओं का अध्ययन
C) केवल बाल्यावस्था की विशेषताओं का अध्ययन
D) गर्भावस्था से किशोरावस्था की विशेषताओं का अध्ययन
Question 19: वह अवस्था जोकि माता के 21 वें गुणसूत्र जोड़े के अलग न हो पाने के कारण होती है, कहलाती है — UPTET 2015 (02 Feb)
A) डाउन्स सिण्ड्रोम
B) क्लीनफेल्टर सिण्ड्रोम
C) टर्नर सिण्ड्रोम
D) विल्सन सिण्ड्रोम
Question 20: कोहलबर्ग के अनुसार किस अवस्था में नैतिकता बाह्य कारकों द्वारा निर्धारित होती है ? — UPTET 2015 (02 Feb)
A) पूर्व पारम्परिक अवस्था
B) पारम्परिक अवस्था
C) पश्चात् पारम्परिक अवस्था
D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
Question 21: निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही क्रम है? — UPTET 2015 (02 Feb)
A) अण्डाणु-शुक्राणु, युग्मनज, ब्लास्टोसिस्ट
B) ब्लास्टोसिस्ट, अण्डाणु-शुक्राणु, युग्मनज
C) ब्लास्टोसिस्ट, युग्मनज, अण्डाणु-शुक्राणु
D) अण्डाणु-शुक्राणु, ब्लास्टोसिस्ट, युग्मनज
Question 22: अन्तर्मुखी, बहिर्मुखी तथा उभयमुखी व्यक्तित्व का वर्गीकरण ........ द्वारा किया गया है — UPTET 2015 (02 Feb)
A) क्रेचनर
B) युग
C) शैल्डन
D) स्प्रेजर
Question 23: उदाहरण, निरीक्षण, विश्लेषण, वर्गीकरण, नियमीकरण निम्नलिखित में से किस विधि के सोपान हैं? — UPTET 2015 (02 Feb)
A) निगमन विधि
B) आगमन विधि
C) अन्तर्दर्शन विधि
D) बहिर्दर्शन विधि
Question 24: फ्रायड के अनुसार हमारे मूल्यों का आन्तरिकीकरण .......... में होता है — UPTET 2015 (02 Feb)
A) इदम्
B) अहम्
C) पराहम्
D) परिस्थितियों
Question 25: व्यवहारवादी ......... ने कहा है, "मुझे नवजात शिशु दे दो। मैं उसे डॉक्टर, वकील, चोर या जो चाहूँ बना सकता हूँ।" — UPTET 2015 (02 Feb)
A) फ्रीमैन
B) वाट्सन
C) न्यूमैन
D) होलजिंगर
Question 26: ध्यान आकर्षित होने में .......... की प्रमुख भूमिका होती है। — UPTET 2015 (02 Feb)
A) उद्दीपन की तीव्रता
B) उद्दीपन की उपादेयता
C) उद्दीपन की विश्वसनीयता
D) उद्दीपन की सक्रियता
Question 27: "......... छात्र में रुचि उत्पन्न करने की कला है।" — UPTET 2015 (02 Feb)
A) शिक्षण
B) सहानुभूति
C) समदृष्टि
D) प्रेरणा
Question 28: फ्रॉयड के अनुसार विस्मरण वह प्रवृत्ति है, जिसके द्वारा दुःखद अनुभवों को स्मृति से अलग कर दिया जाता है — UPTET 2015 (02 Feb)
A) सही
B) गलत
Question 29: एस. ओ. आर. किसके द्वारा प्रस्तावित किया गया है? — UPTET 2015 (02 Feb)
A) वाट्सन
B) कोफ्का
C) कोहलर
D) गेस्टाल्टवादी मनोवैज्ञानिकों
Question 30: वह मापनी जिसमें अन्तराल मापनी के समस्त गुण के साथ परम शून्य भी हो, कहलाती है — UPTET 2015 (02 Feb)
A) नामित मापनी
B) क्रमसूचक मापनी
C) अन्तराल मापनी
D) अनुपात मापनी

अनुभव और अधिगम

बालक का व्यवहार अनुभव के माध्यम से विकसित होता है। अनुभव द्वारा सीखने को मनोविज्ञान में अधिगम कहा जाता है। अनुभव जितना विविध और व्यावहारिक होगा, बच्चे का सीखना उतना ही अधिक प्रभावी होगा। बालक का व्यवहार प्रायः उनकी मूल प्रवृत्ति पर आधारित होता है और यह उनके प्रारंभिक अनुभवों से प्रभावित होता है। शिक्षक को यह समझना आवश्यक है कि बच्चों के अनुभव उनके सीखने की प्रक्रिया को सीधे प्रभावित करते हैं।

बुद्धि और विकास की अवस्थाएँ

बच्चों की बुद्धि और सोचने की क्षमता किशोरावस्था में अधिक विकसित होती है। इस समय वे जटिल समस्याओं को समझ सकते हैं और तार्किक निर्णय लेने की क्षमता रखते हैं। शैशवावस्था और बाल्यावस्था में सीखने की प्रक्रिया मुख्य रूप से पर्यावरण और अनुभव पर आधारित होती है। शिक्षक के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे हर उम्र के बच्चों की मानसिक क्षमता के अनुरूप शिक्षण विधियों का चयन करें।

अधिगम के सिद्धांत और मनोवैज्ञानिक प्रयोग

अधिगम की प्रक्रिया को समझने के लिए कई सिद्धांत विकसित किए गए हैं। कोहलर ने अन्तर्दृष्टि द्वारा सीखने का सिद्धांत दिया, जिसमें बच्चे स्वयं समस्याओं का समाधान खोजते हैं। थॉर्नडाइक के प्रभाव का नियम और बैण्डूरा के प्रेक्षणात्मक अधिगम सिद्धांत यह दिखाते हैं कि बच्चे केवल अनुभव से ही नहीं बल्कि दूसरों के व्यवहार को देखकर भी सीख सकते हैं। ये सिद्धांत शिक्षकों को यह समझने में मदद करते हैं कि बच्चे सीखने में कितने सक्रिय और जिज्ञासु हैं।

ध्यान, स्मृति और रुचि

ध्यान बच्चों की सीखने की क्षमता को सीधे प्रभावित करता है। ध्यान को आकर्षित करने वाले आन्तरिक और बाह्य कारक जैसे रुचि, उद्देश्य और उद्दीपन की तीव्रता महत्वपूर्ण होते हैं। स्मृति का मापन प्रत्याह्वान, पहचान और पुनः सीखना विधियों से किया जाता है। यह शिक्षकों को यह मूल्यांकन करने में मदद करता है कि बच्चे कितनी जानकारी को समझते और याद रखते हैं।

नैतिक और सामाजिक विकास

बाल मनोविज्ञान केवल मानसिक विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि यह नैतिक और सामाजिक विकास को भी समझता है। कोहलबर्ग के अनुसार, प्रारंभिक अवस्था में नैतिकता बाहरी कारकों पर निर्भर होती है, जबकि परिपक्व अवस्था में आंतरिक मूल्य और न्याय का महत्व बढ़ता है। ऐसे अध्ययन बच्चों की सामाजिक और नैतिक समझ को विकसित करने में सहायक होते हैं।

शिक्षा में योगदान

मनोविज्ञान ने शिक्षा में सबसे महत्वपूर्ण योगदान बाल-केन्द्रित शिक्षा के रूप में दिया है। यह शिक्षकों को मार्गदर्शन करता है कि वे बच्चों के सीखने की शैली, क्षमता और रुचियों के अनुसार शिक्षण योजना बनाएं। बच्चों में सीखने की रुचि उत्पन्न करने की कला शिक्षकों के लिए अत्यंत आवश्यक है।

निष्कर्ष

बाल विकास और अभिज्ञान का अध्ययन न केवल अभ्यर्थियों के लिए, बल्कि शिक्षकों और अभिभावकों के लिए भी महत्वपूर्ण है। बच्चों के सीखने की प्रक्रिया, ध्यान और नैतिक विकास को समझकर शिक्षक उनकी क्षमता का पूर्ण विकास कर सकते हैं। इस क्विज के अभ्यास से न केवल UPTET परीक्षा में सफलता मिलती है, बल्कि बच्चों की मानसिक और सामाजिक आवश्यकताओं की समझ भी बढ़ती है।

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